
फर्श से अर्श तक का सफर :
गाबा के हीरो शमार जोसेफ जंगल में लकड़ी काटते थे। शमार जोसेफ के नाम की आज पूरी दुनिया में चर्चा में हो रही है। 24 साल के इस खिलाड़ी ने गाबा में ऑस्ट्रेलिया को दिन में तारे दिखा दिए। चोटिल होने के बाद जोसेफ ने गाबा में ऑस्ट्रेलिया की हार की कहानी लिखी। उन्होंने आखिरी पारी में 11.5 ओवर में 68 रन देकर सात विकेट लिए और वेस्टइंडीज को गाबा में 8 रन से जीत दिलाई। ये उनके करियर का दूसरा ही इंटरनेशनल मैच था और दूसरे ही मैच में उन्होंने वो कर दिखाया, जिसका सपना उन्होंने पेड़ काटते वक्त, मजूदरी करते वक्त और सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हुए देखा था। एक ऐसे गांव जहां कुछ समय पहले तक न टीवी था, न ही फोन और न ही इंटरनेट, वहां से निकलकर उन्होंने दुनिया को अपना दम दिखा दिया।
गरीबी और संसाधनों की कमी के बावजूद मेहनत:
जोसेफ गयाना के बाराकारा के रहने वाले हैं। उनके गांव की पॉपुलेशन मुश्किल से 350 है. 2018 तक उनके गांव में न तो मोबाइल था और न ही इंटरनेट कनेक्शन।।ब्लैक एंड व्हाइट टीवी भी मुश्किल से ही थी।।वो भी बाहरी दुनिया से कटे हुए थे, मगर इसके बाद एक हादसे ने उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। दरअसल उनके गांव में जीवन यापन के लिए लोगों के पास लकड़ी काटने का ही विकल्प था। उनके पिता और भाई भी यही काम करते थे। वो भी अपने पिता के साथ यही काम करने लगे। एक दिन पेड़ उनके पास गिरा।।मौत को इतने करीब से देखने के बाद उन्होंने उस काम को और गांव छोड़ने का फैसला लिया। वो काम की तलाश में न्यू एम्स्टर्डम चले गए।उन्हें वहां से अपने घर आने के लिए जहाज से करीब दो दिन का वक्त लगता था।
कठिनाई भरी कहानी प्रेरणा देती है।
न्यू एम्स्टर्डम में पहले तो उन्होंने मजदूरी की, मगर ऊंचाई के डर की वजह से वो उस काम को भी सही से नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने वहां पर सिक्योरिटी गार्ड का काम किया और परिवार की आर्थिक मदद की, मगर गार्ड की नौकरी के चलते वो अपने खेलने के शौक को पूरा नहीं कर पाते थे। जब भी समय मिलता, वो गेंदबाजी की प्रैक्टिस करते। इसके बाद मंगेतर का सपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से क्रिकेटर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए जुट गए। वो पिछले साल तक गार्ड की ही नौकरी कर रहे थे। पिछले साल ही उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके का इनाम उन्हें ऑस्ट्रेलिया में मिला। उन्हें इस सीरीज में डेब्यू का मौका मिला।
मौका मिला देश के लिए खेलने का
डेब्यू मैच में उन्होंने 36 रन बनाने के साथ ही पहली पारी में 5 विकेट लिए थे। वहीं दूसरे टेस्ट में कुल 8 विकेट लिए, जिसमें आखिरी पारी में 7 विकेट शामिल है। 7 विकेट लेकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को 207 रन पर ऑलआउट कर दिया था, जो 216 रन के टारगेट के जवाब में उतरी थी। उन्होंने अंगूठा चोटिल होने के बावजूद गेंदबाजी की और इतिहास रचा। दरअसल बीते दिन मिचेल स्टार्क की गेंद से वो चोटिल हो गए थे और मैदान से बाहर चले गए थे, मगर जब बात गेंदबाजी की आई तो उन्होंने कहर बरपा दिया। विंडीज पिछले 35 सालों में गाबा में टेस्ट जीतने वाले भारत के बाद दूसरी टीम है। कठिन संघर्ष के बाद सफलता हासिल करने वाले वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज शमार जोसेफ को बधाई दीजिए।